MP News: मध्यप्रदेश की रफ्तार को नई दिशा देने के लिए 1200 किलोमीटर लंबा नर्मदा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है जो लगभग 11 जिलों से होकर गुजरने वाली है। इस निर्माण के दौरान करीब 31 हजार करोड़ रुपए खर्च होने वाले हैं। इस बनने वाले रोड को नर्मदा एक्सप्रेस-वे नाम दिया गया है जो कि यमुना एक्सप्रेस-वे से करीब 4 गुना बड़ा होगा।
आपको बता दें कि एक्सप्रेसवे नर्मदा नदी के किनारे बनाया जाएगा जो न केवल प्रदेश की आर्थिक उन्नति में योगदान देगा बल्कि पर्यावरणीय और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। नर्मदा एक्सप्रेसवे का उद्देश्य राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ते हुए एक तेज‑तर्रार परिवहन मार्ग प्रदान करना है।
नर्मदा एक्सप्रेसवे के दौरान यह 7 शहर जुड़ेंगे
रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में मंडला, उज्जैन, छिंदवाड़ा, नीमच, खंडवा को जोड़ा जा रहा है इसके अलावा शहडोल, शिवपुरी के लिए केंद्र सरकार को सहमति भेजी जा चुकी है। रीवा में हवाई सेवा पहले ही आरंभ हो चुकी है।
नर्मदा एक्सप्रेसवे बनने से क्या होगा फायदा
एक्सप्रेसवे के निर्माण से आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। नर्मदा नदी और उसके किनारे स्थित धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की लोकप्रियता को यह एक्सप्रेसवे और अधिक बढ़ाएगा। यात्री आसानी से ओंकारेश्वर, महेश्वर और अमरकंटक जैसे स्थलों तक पहुँच सकेंगे।
इसे भी पढ़ें – MP News: मध्यप्रदेश में बनेगा 1200Km का नर्मदा एक्सप्रेस-वे, इन 11 जिलों से गुजरेगी हाइवे की सड़क, जमीन मालिक हुए करोड़पति
पर्यावरण और तकनीकी दृष्टिकोण
नर्मदा एक्सप्रेसवे के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसे इस तरह से डिज़ाइन किया जाएगा कि नर्मदा नदी के प्राकृतिक प्रवाह और आसपास के वन क्षेत्रों पर इसका अधिक प्रभाव न पड़ें न ही इससे कोई ज्यादा नुकसान पहुंचे साथ ही, परियोजना में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा जो इसे एक टिकाऊ और दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा बनाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने के लिए व्यापक योजना बनाई है। इसके तहत भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय स्वीकृति और वित्तीय व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार का मानना है कि यह एक्सप्रेसवे न केवल प्रदेश की आर्थिक प्रगति में सहायक होगा बल्कि भारत के अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
इसे भी पढ़ें – MP गेहूं खरीदी 2025: आज से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू, मध्य प्रदेश के किसानों को मिलेगा 2600 रुपये प्रति क्विंटल