MP News: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए चंबल नदी पर एक आधुनिक सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इस पुल के साथ ही चंबल और यमुना नदी के बीच फोर लेन चौड़ीकरण की भी योजना है। शनिवार को इटावा सदर विधायक सरिता भदौरिया और भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने भूमि पूजन कर इस महत्वपूर्ण परियोजना का शिलान्यास किया।
296.2 करोड़ की लागत से बनेगा हाईटेक ब्रिज
यह 800 मीटर लंबा और फोर लेन चौड़ा सिग्नेचर ब्रिज होगा, जिसकी अनुमानित लागत 296.2 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही 8 किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क भी विकसित की जाएगी, जिससे यूपी और एमपी के बीच यातायात और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इस पुल का निर्माण एएससी इंफ्राटेक कंपनी द्वारा किया जाएगा और इसे पूरा करने में लगभग दो साल का समय लगने की संभावना है।
पुराने पुल की जर्जर स्थिति के कारण नई परियोजना की जरूरत
इससे पहले 1970 के दशक में बना चंबल नदी का पुल भारी ट्रैफिक और अवैध खनन के कारण खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका था। पुल कई बार क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे यात्रियों और व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। क्षेत्रीय जनता लंबे समय से एक नए और सुरक्षित पुल की मांग कर रही थी, जिसे अब सरकार ने मंजूरी दे दी है।
विधायकों ने बताया परियोजना का महत्व
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान विधायक सरिता भदौरिया ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस पुल की मंजूरी के लिए अनुरोध किया था, जिसके बाद इस परियोजना को हरी झंडी दी गई। उन्होंने कहा,
“यह पुल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच व्यापार और यातायात को सुगम बनाएगा। खासतौर पर खनिज व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी।”
भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने भी इस पुल के निर्माण को आवश्यक और ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा,
“यह एक्स्ट्रा डोज़ सिग्नेचर ब्रिज न केवल यात्रियों और व्यापारियों के लिए सुरक्षित होगा, बल्कि इसकी आधुनिक डिजाइन भी इसे आकर्षक बनाएगी। ग्वालियर, भिंड, इटावा और आसपास के जिलों को इससे बड़ा फायदा मिलेगा।”
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यूपी का पहला हाईटेक सिग्नेचर ब्रिज
इस अत्याधुनिक एक्स्ट्रा डोज़ सिग्नेचर ब्रिज को यमुना ब्रिज मार्ग से जोड़ा जाएगा और इसे फोर लेन में तब्दील किया जाएगा। इस परियोजना से यूपी और एमपी के लोगों को आने-जाने में आसानी होगी, साथ ही व्यापारिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
सरकार के मुताबिक, यह पुल बनने के बाद क्षेत्र में यातायात सुगम होगा और दोनों मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश राज्यों के बीच आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। आने वाले दो वर्षों में यह ब्रिज न केवल इस क्षेत्र की एक नई पहचान बनेगा, बल्कि दोनों राज्यों के बीच के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करेगा।
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मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।
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