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मध्य प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक बदलाव, दो जिलों का पुनर्गठन साथ ही सरकार ने हटाया 663 वर्ग किलोमीटर

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक बदलाव के तहत एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। छिंदवाड़ा जिले के दक्षिण वन मंडल को रिऑर्गनाइज़ करते हुए अब पांढुर्ना में एक नया वनमंडल बनाया जाएगा। इस बदलाव से छिंदवाड़ा वनमंडल का क्षेत्रफल 663 वर्ग किलोमीटर कम हो जाएगा, जो अब नए पांढुर्ना वनमंडल में शामिल होगा।

सरकार का मानना है कि इस बदलाव से वन विभाग की कार्यप्रणाली और अधिक स्मूथ और इफेक्टिव हो सकेगी। वित्त विभाग ने इस प्रपोजल को अलरेडी अप्रूव कर दिया है, बस अब इसे कैबिनेट मीटिंग में फाइनल अप्रूवल का इंतजार है।

पांढुर्ना वनमंडल की संरचना

पांढुर्ना जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 1,522.220 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से 662.742 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट एरिया है। यह जिले के कुल क्षेत्रफल का 43.53% है।

नए वनमंडल के बनने के बाद पांढुर्ना में 5 फॉरेस्ट रेंज होंगे:

  • पांढुर्ना
  • सौंसर
  • कन्हान
  • अंबाड़ा
  • लावाघोगरी

इनके अंतर्गत 23 उपरेंज और 92 बीट्स होंगी। सरकार का दावा है कि इस नए स्ट्रक्चर से फॉरेस्ट मैनेजमेंट और भी बेहतर और ऑर्गनाइज़्ड होगा।

प्रशासनिक ढांचा और बजट

  • नए वनमंडल के लिए एक DFO (Divisional Forest Officer) और दो SDO (Sub Divisional Officers) की पोस्ट क्रिएट की जाएगी।
  • मोरडोंगरी के पास भुली मार्ग पर 6 एकड़ राजस्व भूमि की डिमांड नए ऑफिस, रेजिडेंशियल क्वार्टर्स और गेस्ट हाउस (विश्राम गृह) के लिए की गई है।
  • इस पूरी प्लानिंग के लिए ₹5.26 करोड़ का बजट प्रपोज किया गया है, जिसे अप्रूवल के लिए सरकार को भेजा गया है।

प्रशासनिक पुनर्गठन की बड़ी प्लानिंग

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक स्ट्रक्चर को बेटर ऑर्गनाइज़ करने के लिए सितंबर 2024 में एक स्पेशल कमीशन बनाया था। इस कमीशन में रिटायर्ड IAS अफसर मनोज श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला को शामिल किया गया है।

यह कमीशन राज्य में डिस्ट्रिक्ट्स, तहसीलों और संभागों के रीऑर्गनाइजेशन पर काम कर रहा है।
फिलहाल, 3 नए जिलों के प्रपोजल पर विचार चल रहा है:

  • पिपरिया
  • सिरोंज
  • बीना

इसके अलावा, निमाड़ रीजन को एक नया संभाग बनाने की प्लानिंग हो रही है, जिसमें खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा जिले शामिल होंगे।

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नए जिलों की स्थापना

हाल ही में, राज्य सरकार ने मैहर और पांढुर्ना को नए डिस्ट्रिक्ट्स के रूप में अप्रूव कर दिया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में जिलों की कुल संख्या अब 55 हो गई है।

सरकार का मानना है कि नए जिले बनाने से प्रशासनिक कामकाज आसान होगा और लोकल डवलपमेंट को भी बूस्ट मिलेगा।

पांढुर्ना वनमंडल का गठन और प्रशासनिक रीस्ट्रक्चरिंग मध्य प्रदेश के फॉरेस्ट मैनेजमेंट और गवर्नेंस को और मजबूत करने की दिशा में एक मेजर स्टेप है। इससे न सिर्फ वन संरक्षण (Forest Conservation) को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोकल कम्युनिटी को भी नए जॉब्स और डवलपमेंट के ऑपर्च्युनिटीज मिलेंगे।

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Author

  • Uma ApnaKAl

    मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।

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