मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में राज्य के पशुपालकों और किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं, जो उनकी आय में वृद्धि और कृषि एवं दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई हैं। इसके साथ ही किसानों के लिए कई अन्य योजनाएं भी लागू की गई हैं जिसके बारे में हम यहाँ विस्तार से जानेंगे।
दूध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर बोनस
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने घोषणा की है कि मध्य प्रदेश सरकार दूध उत्पादकों को प्रति लीटर 5 रुपये का बोनस प्रदान करेगी। यह कदम दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। मोहन सरकार सहकारिता के माध्यम से दूध की खरीद करेगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
धान और गेहूं किसानों के लिए भी योजनाएँ
दूध उत्पादकों के अलावा, मध्य प्रदेश सरकार ने धान और गेहूं किसानों के लिए भी लाभकारी योजनाएँ प्रस्तुत की हैं। धान किसानों को प्रति हेक्टेयर 2,000 रुपये का बोनस मिलेगा, जबकि गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,600 रुपये प्रति क्विंटल पर की जाएगी। इन उपायों का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादन को प्रोत्साहित करना है।
सोलर पंप और अन्य सुविधाएँ
किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश सरकार सोलर पंप उपलब्ध कराने की योजना भी बना रही है। यह कदम किसानों को बिजली के बिल से राहत प्रदान करेगा और उन्हें सस्ती एवं सतत ऊर्जा स्रोत उपलब्ध कराएगा।
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मध्य प्रदेश को डेयरी हब बनाने की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने राज्य को देश का प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्य बनाने का संकल्प व्यक्त किया है। वर्तमान में, मध्य प्रदेश का प्रति व्यक्ति दुग्ध उत्पादन औसत 673 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम से अधिक है। सरकार की इन पहलों का उद्देश्य इस उत्पादन को और बढ़ाना और राज्य को डेयरी क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।
इन सभी योजनाओं और प्रोत्साहनों के माध्यम से, मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और कृषि एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्ध है। आपके अनुसार यह योजना कैसी है। अपने विचार नीचे कमेंट करके जरूर बातएं।