सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहतभरी खबर है। महंगाई भत्ते (DA) में एक बार फिर बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे यह 55% से बढ़कर 56% तक पहुंच सकता है। खास बात यह है कि नई दरें जनवरी 2025 से प्रभावी होंगी, यानी कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी का एरियर भी डीए और बढ़ी हुई सैलरी के साथ मिलेगा।आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने की संभावना है। अगर प्रस्ताव पास होता है, तो लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर है। आज 12 मार्च, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक होने जा रही है, जिसमें महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी पर फैसला लिया जा सकता है। वर्तमान में 53% की दर से DA मिल रहा है, जो 55% या 56% तक पहुंच सकता है। अगर कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पास होता है, तो यह जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। इसका मतलब है कि जनवरी और फरवरी के एरियर का भुगतान भी कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा। यह संशोधन 7वें वेतन आयोग के तहत किया जाएगा।
होली से पहले फिर बढ़ सकता है महंगाई भत्ता, 1 करोड़ कर्मचारियों को होगा फायदा
पिछली बार की तरह इस बार भी होली से पहले महंगाई भत्ता (DA) बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। यदि वृद्धि होती है, तो इसका लाभ 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलेगा।
कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा आधिकारिक आदेश जारी किए जाएंगे। यह संशोधन 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत किया जाएगा, जिससे वेतन और पेंशन में सीधा इजाफा हो
महंगाई भत्ता बढ़ने से कितनी बढ़ेगी सैलरी?
✔ मिनिमम सैलरी ₹18,000 वालों का DA ₹9,900 से ₹10,800 तक बढ़ सकता है।
✔ ₹50,000 बेसिक सैलरी वालों का कुल वेतन ₹76,500 से बढ़कर ₹78,000 हो सकता है।
✔ पेंशनर्स को ₹270 से ₹3,750 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद वित्त मंत्रालय जल्द ही आधिकारिक आदेश जारी करेगा। इससे 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा।
पुरानी पेंशन योजना: अब तक की स्थिति और प्रगति
पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर अब तक 2300 से अधिक आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। वहीं, 8200 आवेदन त्रुटिपूर्ण होने के कारण लंबित हैं। वित्त मंत्री ने विधानसभा में जानकारी दी कि अब तक 30 करोड़ रुपये संबंधित कर्मियों के खातों में जारी किए गए हैं, जबकि सरकार के खाते में 31 करोड़ रुपये सुरक्षित हैं।
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