MP News: मध्यप्रदेश सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी बल्कि प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक समृद्धि भी सुनिश्चित होगी। आपको बता दें सौर ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने नर्मदापुरम में नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के निर्माण के लिए एक विशेष जोन स्थापित किया है। यह जोन न केवल तकनीकी उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।
मध्यप्रदेश के सांची शहर ने प्रदेश का पहला “सौर ऊर्जा आधारित शहर” बनने का गौरव हासिल किया है। यह उपलब्धि “नेट जीरो कार्बन” सिद्धांत पर आधारित विकास योजनाओं के माध्यम से संभव हुई है, जो पर्यावरण संतुलन और सतत विकास का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसके माध्यम से स्थानीय युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार और कौशल विकास का अवसर मिलेगा।
औद्योगिक क्रांति का नव संचार
सशक्त मध्यप्रदेश बन रहा समृद्धि का आधारवर्ष 2070 तक कार्बन फुटप्रिंट को शून्य और जीवाश्म ईंधन के विकल्प तलाशने का लक्ष्य
▶️वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का टारगेट
▶️पिछले 12 वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हुई 14% की… pic.twitter.com/qnl4MNNeb6— Jansampark MP (@JansamparkMP) March 5, 2025
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2070 तक कार्बन फुटप्रिंट शून्य करने का लक्ष्य
भारत ने वर्ष 2070 तक कार्बन फुटप्रिंट को शून्य करने और जीवाश्म ईंधन के विकल्प तलाशने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में मध्यप्रदेश भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। प्रदेश में औद्योगिक क्रांति के इस नव संचार के तहत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मध्यप्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा के इस नए युग की शुरुआत से प्रदेश के नागरिकों को अधिक सुविधाएं, रोजगार, और स्वच्छ वातावरण का लाभ मिलेगा। ।