मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई “माझी लाडकी बहिन योजना” (Ladki Bahin Yojana) को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन अब सरकार ने योजना के नियमों को सख्त कर दिया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना पर भी बड़ा अपडेट सामने आया है।
देखें क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र सरकार ने अब उन महिलाओं के आवेदन खारिज करने का फैसला लिया है, जो योजना के पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती हैं। हलाकि कई महिलाओं ने स्वेच्छा से अपने आवेदन वापस लिए हैं, जबकि कुछ ने योजना का लाभ उठाने के लिए गलत जानकारी दी थी। अब सरकार ने सर्वे शुरू किया है ताकि अपात्र लाभार्थियों की पहचान की जा सके।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
महाराष्ट्र के नागपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सर्वे करने से इनकार कर दिया। इन कार्यकर्ताओं को आवेदन भरने पर सरकार की ओर से ₹50 प्रति आवेदन प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक उन्हें यह भत्ता नहीं मिला है। इस वजह से नाराज आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से पहले भुगतान की मांग की है।
महाराष्ट्र सरकार के सामने अब बड़ी चुनौती यह है कि सर्वेक्षण पूरा किए बिना अपात्र महिलाओं की पहचान कैसे की जाए। हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि जो महिलाएं अब तक इस योजना का लाभ ले चुकी हैं, उनसे पैसे वापस नहीं लिए जाएंगे।
मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना में बड़ा अपडेट
मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना (CM Ladli Behna Yojana) को लेकर भी नई जानकारी सामने आई है। इस योजना में महिलाओं को 1250 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं, और इसका उद्देश्य गरीब एवं मध्यम वर्ग की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।
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हलाकि मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना में अपडेट यह है कि कई जिलों से शिकायतें मिल रही हैं कि लाभार्थियों के नाम बिना सूचना हटाए जा रहे हैं, जिससे उनके खातों में योजना की राशि नहीं पहुंच रही। आगर मालवा जिले में 58 महिलाओं के नाम समग्र पोर्टल से हटाए गए, वहीं 142 महिलाओं के आधार कार्ड समग्र ID से डीलिंक हो गए। आगर मालवा जिले में 58 महिलाओं के नाम समग्र पोर्टल से हटाए गए, वहीं 142 महिलाओं के आधार कार्ड समग्र ID से डीलिंक हो गए। इसके साथ ही विपक्ष कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि 3,56,000 महिलाओं के नाम योजना से कैसे कम हो गए?
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश दोनों ही राज्यों में महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता देने की योजनाएं चल रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र में योजना की सख्ती और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का विरोध इसे मुश्किल बना रहा है। वहीं, मध्य प्रदेश में इस योजना का विस्तार और संभावित बढ़ोतरी की तैयारी चल रही है। और मध्य प्रदेश सरकार ने यह दवा भी किया है कि योजना की राशि आगे चलकर 3 हजार रुपये प्रतिमाह किया जायेगा।
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मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।
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