MP Budget Session 2025: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन सदन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मध्य प्रदेश सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि वर्ष 2024-25 में GSDP (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में 11.05% की बढ़ोतरी हुई। वहीं, राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 1,52,615 रुपये हो गई, जो 2011-12 में सिर्फ 38,497 रुपये थी।
सत्र के दौरान कृषि, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा और खेलों से जुड़े मुद्दों पर तीखी बहस हुई। कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है, किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और सरकारी नौकरियों पर रोक लगी हुई है।
देखें मध्य प्रदेश की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट
- GSDP में वृद्धि: 2023-24 में ₹13,53,809 करोड़ की अर्थव्यवस्था थी, जो 2024-25 में ₹15,03,395 करोड़ हो गई।
- प्रति व्यक्ति आय: 2024-25 में ₹1,52,615, जबकि 2011-12 में यह सिर्फ ₹38,497 थी।
- प्राथमिक क्षेत्र (कृषि) का योगदान: 44.55% से घटकर 44.36% हुआ।
- फसल उत्पादन: 2023-24 में 31.10% था, जो घटकर 30.90% हो गया।
- पशुधन क्षेत्र: 7.42% से बढ़कर 7.45% हुआ।
- दूध, अंडा और मांस उत्पादन:
- दूध उत्पादन में 5.98% की वृद्धि।
- अंडा उत्पादन 9.65% बढ़ा।
- मांस उत्पादन 9.57% बढ़ा।
बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार घिरी
बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने बेरोजगारी, सरकारी नौकरियों की कमी और भ्रष्टाचार को लेकर मोहन सरकार पर जमकर निशाना साधा। सागर के बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे कम है। रीवा के कांग्रेस विधायक अजय मिश्रा ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा, “बेरोजगारी पर झूठ मत बोलिए, युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही, हजारों पद खाली हैं।
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हरदा के कांग्रेस विधायक आरके दोगने ने सरकार पर तंज कसते हुए टोकरी में सांप लेकर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि “सरकार नौकरियों पर कुंडली मारकर बैठी है।” विधानसभा के अंदर और बाहर विपक्ष का विरोध जारी रहा। कांग्रेस नेताओं ने गांधी प्रतिमा के पास नकली सांप रखकर भाजपा सरकार पर देश को डंसने का आरोप लगाया।
कृषि और सिंचाई के मुद्दे पर भी गरमाई बहस
कृषि और सिंचाई के मुद्दे पर भी बहस हुई। बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने आरोप लगाया कि धान खरीदी में भारी गड़बड़ी हो रही है, सरकार इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। और कांग्रेस विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि “भीमगढ़ जलाशय में पानी होने के बावजूद सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया, जिससे गेहूं की फसल बर्बाद हो गई।” इस पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने जवाब दिया कि “कोई फसल नष्ट नहीं हुई, सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है, मुआवजा दिया जाएगा।”
शिक्षा और खेलों पर भी हुआ सवाल-जवाब
विधायक जयवर्धन सिंह ने सदन में कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में 7,000 शिक्षकों की कमी है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विधायक कंचन तन्वे, सोहनलाल बाल्मिक और प्रदीप लारिया ने खेल गतिविधियों को लेकर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जवाब दिया कि “सरकार खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए पंचायत स्तर तक प्रतियोगिताएं आयोजित करेगी और स्टेडियमों के रखरखाव के लिए विशेष बजट रखा गया है।”
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देखें क्या होगा इस बजट में खास?
इस बजट में क्या खास होगा यह सबके लिए बेहद अनुपम है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बुधवार को बजट पेश करेंगे। बजट का अनुमानित आंकड़ा ₹4.25 लाख करोड़ का है। और यह अनुमान मध्य प्रदेश के विकास और कल्याणकारी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
बजट सत्र का दूसरा दिन पूरी तरह आर्थिक सर्वेक्षण, बेरोजगारी, कृषि संकट, भ्रष्टाचार और शिक्षा पर बहस से भरा रहा। सरकार ने राज्य की आर्थिक प्रगति और जीएसडीपी में वृद्धि को अपनी उपलब्धि बताया, जबकि विपक्ष ने बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं और धान खरीदी घोटाले को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया।
अब सबकी नजरें बुधवार को पेश होने वाले बजट पर हैं। क्या सरकार वाकई युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी, या फिर यह बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल साबित होगा?
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