MP News: मुख्यमंत्री मोहन यादव जी की अध्यक्षता में आज मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में किसानों, निवेशकों और मध्य प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक की शुरुआत राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” के साथ हुई, इसके बाद मंत्रियों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 की सफलता के लिए सम्मानित किया। बैठक में जल संरक्षण, कृषि बोनस, डिजिटल सीमांकन, शहरी विकास और औद्योगिक निवेश से जुड़े अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। जिसके बारे में हम यहाँ विस्तार से चर्चा करेंगे।
किसानों के लिए हुई ये घोषणाएं
मोहन सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया। यानी किसान अब गेहूं के लिए 2600 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। और किसानों को धान पर 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इसके साथ ही किसानों की जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल करने के लिए 138.41 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिससे सीमांकन और बटांकन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
जल संरक्षण के लिए ‘जय गंगा जल संवर्धन अभियान’
मोहन कैबिनेट ने जल संकट से निपटने के लिए ‘जय गंगा जल संवर्धन अभियान’ को मंजूरी दी। यह अभियान 30 मार्च से 30 जून तक चलेगा, जिसमें प्रदेशभर की जल संरचनाओं का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा।
निवेश और औद्योगिक विकास को बढ़ावा
- 500 करोड़ से बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी: कैबिनेट ने मास्टर प्लान एरिया से बाहर भी बड़े प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति दी है। 500 करोड़ से अधिक निवेश वाले उद्योगों को सरकार विशेष अनुमति देगी।
- 21 लाख युवाओं के लिए रोजगार: मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे निवेश प्रस्तावों की साप्ताहिक समीक्षा करें और रोजगार बढ़ाने के लिए हर दो महीने में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित करें।
महाकाल मंदिर और शहरी विकास के फैसले
- महाकाल मंदिर में सुरक्षा बढ़ेगी: उज्जैन महाकाल मंदिर में होमगार्ड स्वयंसेवी सैनिकों के 488 पद स्वीकृत किए गए, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।
- गुड़ी पड़वा और भारतीय नववर्ष का भव्य आयोजन: सरकार ने 30 मार्च को गुड़ी पड़वा और भारतीय नववर्ष को धूमधाम से मनाने का फैसला किया है।
वित्त आयोग के साथ अहम बैठक
6 मार्च को कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। इससे पहले 5 मार्च को मुख्यमंत्री निवास पर आयोग के प्रतिनिधियों के साथ डिनर होगा, जहां प्रदेश की आर्थिक योजनाओं पर चर्चा होगी।
कैबिनेट के फैसलों का असर
इन फैसलों से न सिर्फ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि निवेश और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जल संरक्षण अभियान प्रदेश में जल संकट की समस्या को हल करने में मदद करेगा, जबकि डिजिटल सीमांकन से भूमि विवादों में कमी आएगी। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के ये निर्णय मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर और निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने की दिशा में मजबूत कदम हैं। आपके अनुसार ये फैसले कैसे है अपनी राय नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।
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