MP News: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए गेहूं उपार्जन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। मोहन सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। किसानों के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की गई है, जबकि उपार्जन केंद्रों पर खरीदी 5 मई तक जारी रहेगी। इस बार गेहूं खरीद में कई तरह के बदलाव किये गए है जिनके बारे में हम यहाँ जानेंगे।
गेहूं खरीद में पंजीयन और ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि वे समय पर पंजीयन करा लें। पंजीयन और ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग की सुविधा आधिकारिक वेबसाइट mpeuparjan.nic.in पर उपलब्ध है।
गेहूं खरीद केंद्रों पर व्यवस्थाएं
गेहूं खरीदी के लिए मध्य प्रदेश में 2648 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं दी गई हैं, जिनमें टेंट, बैठने की व्यवस्था, पेयजल, पंखे, तौल मशीन, कंप्यूटर और गेहूं की सफाई के लिए क्लीनिंग मशीन शामिल हैं।
जिलेवार पंजीयन स्थिति
अब तक पूरे मध्य प्रदेश में 10 लाख 20 हजार 224 किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन करा लिया है। कुछ प्रमुख जिलों में पंजीयन की स्थिति इस प्रकार है:-
- सीहोर: 76,299
- विदिशा: 65,348
- रायसेन: 57,898
- सागर: 56,462
- राजगढ़: 55,855
- शाजापुर: 53,172
- नर्मदापुरम: 52,017
- उज्जैन: 78,016
- इंदौर: 31,694
- भोपाल: 26,847
- देवास: 37,038
- मंदसौर: 31,714
मोहन सरकार देगी न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस
मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इसके अतिरिक्त, किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाएगा, जिससे कुल खरीदी दर 2600 रुपये प्रति क्विंटल होगी।
अनुमानित उपार्जन और उत्पादन क्षेत्र
इस वर्ष मध्य प्रदेश में लगभग 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन होने की संभावना है। विशेष रूप से मालवा-निमाड़ क्षेत्र के इंदौर और उज्जैन संभाग के किसान गेहूं उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। प्रदेश के सीहोर जिले का शरबती गेहूं देशभर में प्रसिद्ध है।
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देखें क्या करेंगे मध्य प्रदेश के किसान?
- 31 मार्च से पहले mpeuparjan.nic.in पर पंजीयन कराएं।
- स्लॉट बुकिंग कर निर्धारित तिथि पर केंद्र पर पहुंचे।
- केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाएं।
- गुणवत्ता मानकों का पालन करें, ताकि किसी तरह की असुविधा न हो।
मध्य प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अगर किसी उपार्जन केंद्र पर आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलती हैं तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं खरीदी प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। किसानों को समय पर पंजीयन और स्लॉट बुकिंग करने की सलाह दी जाती है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकें।
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