MP News: मध्य प्रदेश में सड़क निर्माण के बड़े प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो रहा है। उज्जैन-गरोठ फोरलेन और नर्मदा एक्सप्रेस-वे, दोनों ही प्रोजेक्ट्स मध्य प्रदेश की कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने वाले हैं। इससे न सिर्फ सफर आसान होगा, बल्कि व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी बूस्ट मिलेगा। इस परियोजना से की विस्तृत जानकारी हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको शेयर कर रहे हैं कृपया इसे अंत तक जरूर पढ़ें।
उज्जैन-गरोठ फोरलेन
मध्य प्रदेश के उज्जैन से गरोठ के बीच बन रहा फोरलेन लगभग 90% पूरा हो चुका है। इस हाईवे की कुल लागत 2660 करोड़ रुपये है और इसके बनते ही उज्जैन से गरोठ का सफर महज 1 से 1.5 घंटे में पूरा हो जाएगा। 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से गाड़ियां दौड़ सकेंगी, जिससे यात्रियों को लंबी दूरी तय करने में अब कम समय लगेगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत सड़क को तीन हिस्सों में बांटा गया था और इसे पूरा करने की जिम्मेदारी जीएचवी, रवि इंफ्रा और एमकेसी इंफ्रा को दी गई थी। उज्जैन, घट्टिया, महिदपुर, बडौद, डग, गंगधार, सुवासरा, शामगढ़ और गरोठ जैसे कुल 89 गांवों से यह फोरलेन होकर गुजरेगा।
इसके अलावा, इस फोरलेन पर टोल प्लाजा भी बनाए जा रहे हैं। पानबिहार से 5 किमी आगे और जगोटी के पास टोल प्लाजा बनने की योजना है, हालांकि टोल टैक्स की दरें अभी तय नहीं हुई हैं।
इस सड़क के बनने से एक बड़ा बदलाव ये होगा कि इसके आसपास के गांवों की ज़मीनों की कीमतें बढ़ जाएँगी हैं। पहले जहां ये इलाके सुनसान हुआ करते थे, अब यहां जमीनों की खरीद-फरोख्त बढ़ गई है, जिससे लोकल बिज़नेस को भी फायदा होगा।
नर्मदा एक्सप्रेस-वे: एमपी का सबसे लंबा हाईवे
मध्यप्रदेश में 1200 किमी लंबा नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 31,000 करोड़ रुपये है। यह प्रदेश की सबसे लंबी सड़क होगी, जो 11 जिलों से होकर गुजरेगी और इससे प्रदेश की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
इस एक्सप्रेस-वे का एक खास हिस्सा ‘मालवा निमाड़ विकास पथ’ के नाम से जाना जाएगा, जिसकी लंबाई 450 किमी होगी। मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, धार, अलीराजपुर और बुरहानपुर को यह जोड़ने वाला है। खासतौर पर 2028 में होने वाले सिंहस्थ मेले के लिए यह एक्सप्रेस-वे बेहद महत्वपूर्ण रहेगा।
एक्सप्रेस-वे बनने से करीब 30 नेशनल और स्टेट हाईवे इससे जुड़ जाएंगे, जिससे सड़क यातायात और लॉजिस्टिक्स में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। यह सड़क मध्यप्रदेश के कई महत्वपूर्ण जिलों जैसे धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर, डिंडोरी, मंडला और अनूपपुर से होकर गुजरेगी।
आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे से यूपी और एमपी की कनेक्टिविटी होगी मजबूत
एक और बड़ी परियोजना के तहत 2500 करोड़ रुपये की लागत से 88 किमी लंबा आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे भी बनने जा रहा है। इसके बनने से ग्वालियर से आगरा का सफर, जो अभी 3 घंटे में पूरा होता है, सिर्फ 2 घंटे में हो जाएगा।
यह एक्सप्रेस-वे ग्वालियर से शुरू होकर झांसी, शिवपुरी, भिंड, मुरैना और दतिया से होते हुए यूपी के आगरा तक जाएगा। इससे दोनों राज्यों के बीच ट्रांसपोर्ट और बिज़नेस को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोकल इकॉनमी को फायदा होगा।
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रीजनल कनेक्टिविटी को भी मिलेगी रफ्तार
सिर्फ सड़कें ही नहीं, बल्कि हवाई यात्रा को भी बेहतर करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। मंडला, उज्जैन, छिंदवाड़ा, नीमच, खंडवा, शहडोल और शिवपुरी जैसे शहरों को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत हवाई सेवा से जोड़ा जा रहा है।
रीवा में पहले से हवाई सेवा शुरू हो चुकी है, जबकि सतना और गुना के लिए तैयारियां चल रही हैं। इससे राज्य के अलग-अलग हिस्सों में ट्रैवल करना और भी आसान हो जाएगा।
मध्यप्रदेश में इन नई सड़क परियोजनाओं से विकास को नई दिशा मिलेगी। उज्जैन-गरोठ फोरलेन से ट्रैवलिंग आसान होगी, तो वहीं नर्मदा एक्सप्रेस-वे से राज्य का लॉजिस्टिक्स और व्यापार सेक्टर मजबूत होगा। आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के बीच की दूरी घटाकर इकोनॉमी को भी रफ्तार देगा। इन सभी प्रोजेक्ट्स से एमपी की सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत होगा, जिससे न सिर्फ यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि व्यापार, निवेश और स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा।
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मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।
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