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MP News: मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीदी पर संकट, MSP से ज्यादा मिल रहे बाजार दाम

MP News: मध्य प्रदेश में इस बार गेहूं की सरकारी खरीदी में बड़ी मुश्किलें सामने आ रही हैं। वजह सीधी है—बाजार में गेहूं का दाम सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कहीं ज्यादा है। अभी बाजार में गेहूं 3200 रुपये से 3300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि सरकार 2425 रुपये प्रति क्विंटल MSP दे रही है। सरकार ने किसानों को आकर्षित करने के लिए 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का एलान किया है, जिससे कुल सरकारी दाम ₹2600 होगा। मगर फिर भी यह बाजार भाव से 600-700 रुपये कम है। ऐसे में किसान सरकारी खरीदी केंद्रों की बजाय खुले बाजार में अपनी उपज बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

कम हो रहे पंजीकरण से बढ़ी सरकार की चिंता

खेती-किसानी की बात करें, तो किसानों के लिए सीधा फायदा मायने रखता है। जब खुले बाजार में उन्हें अपनी फसल के ज्यादा पैसे मिल रहे हैं, तो वे सरकार को क्यों बेचेंगे? यही कारण है कि कई जिलों में किसानों के सरकारी खरीदी के लिए पंजीकरण में भारी गिरावट देखी जा रही है। उदाहरण के लिए, छिंदवाड़ा जिले में इस बार अब तक सिर्फ 1845 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि पिछले साल यही संख्या कहीं ज्यादा थी।

सरकारी योजनाओं पर असर पड़ सकता है

अगर सरकारी खरीदी प्रभावित होती है, तो इसका असर सिर्फ किसानों तक सीमित नहीं रहेगा। सरकार जो गेहूं खरीदकर मध्याह्न भोजन योजना, राशन दुकानों और अन्य योजनाओं के जरिए लाखों लोगों को सस्ता अनाज मुहैया कराती है, वह व्यवस्था लड़खड़ा सकती है। छिंदवाड़ा-पांढुर्ना जिले की 850 से ज्यादा राशन दुकानों से करीब 3.72 लाख परिवार सब्सिडी पर अनाज लेते हैं। सरकारी गोदामों में गेहूं कम जमा हुआ तो इन परिवारों को महंगे दाम पर बाजार से खरीदना पड़ेगा, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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सरकार के सामने दो रास्ते—क्या होगा समाधान?

समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए – सरकार अगर MSP बढ़ाकर बाजार भाव के आसपास ले आए तो किसान सरकारी खरीदी में लौट सकते हैं।

बोनस में और इजाफा किया जाए – अभी 175 रुपये बोनस दिया जा रहा है, लेकिन इसे बढ़ाकर कम से कम 300-400 रुपये किया जाए तो सरकारी खरीद आकर्षक हो सकती है।

सरकार को जल्द ही कोई ठोस कदम उठाने होंगे, वरना सरकारी योजनाओं पर संकट आ सकता है और किसानों का भरोसा सरकारी खरीदी से उठ सकता है।

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  • Uma ApnaKAl

    मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।

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