MP News: नमस्कार दोस्तों, मध्यप्रदेश सरकार नर्मदा नदी के तटों को एक परिपथ में जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम कर रही है। इस परियोजना के तहत तिलवारा से जमतरा तक सड़क निर्माण और तटवर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इस काम को एमपी रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने एक कंसल्टेंट को सौंपा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देना है, बल्कि जबलपुर को पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना भी है।
तिलवारा से भेड़ाघाट तक विकास की योजना
आपको बता दें कि इस परियोजना के तहत तिलवारा से लहेटाघाट होते हुए भेड़ाघाट तक रिवर फ्रंट विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। कई संस्थाओं ने इस क्षेत्र को संगमरमर की घाटियों और नर्मदा तटों के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ विकसित करने के प्रस्ताव प्रदेश सरकार को सौंपे हैं। इसके तहत सभी घाटों को नए सिरे से संवारा जाएगा, जिससे धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
- 2018 में बनी योजना: इस रिवर फ्रंट की योजना पहली बार 2018 में बनाई गई थी।
- रिवर फ्रंट की लंबाई: कुल 14 किलोमीटर के रिवर फ्रंट का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें से 9.5 किलोमीटर के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
- सड़क की चौड़ाई: नर्मदा नदी से 300 मीटर दूर 30 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी।
- सरकारी भूमि का उपयोग: परियोजना के तहत 2,386 एकड़ सरकारी भूमि का उपयोग किया जाएगा।
- लागत: इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपये है।
- गांवों की भागीदारी: इस योजना के दायरे में 7 गांवों की भूमि आएगी।
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जमतरा से भेड़ाघाट की दूरी केवल 20 मिनट में
रिवर फ्रंट के पूरा होने के बाद जमतरा से भेड़ाघाट तक का सफर केवल 15 से 20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान में अविकसित घाटों को विकसित किया जाएगा और पहले से मौजूद घाटों को नए सिरे से संवारा जाएगा। इससे घाटों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बढ़ेगा, और तीर्थ यात्रियों को अधिक सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि नर्मदा रिवर फ्रंट के पूरा होने पर जबलपुर को “महाकाल लोक” और “अयोध्या” की तर्ज पर एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकेगा। नर्मदा तटों के पौराणिक स्थलों को जोड़ने वाले इस परिपथ से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा आसान होगी। धार्मिक स्थलों का सुगम दर्शन और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद इस क्षेत्र को और भी आकर्षक बनाएगा।
क्षेत्रीय विकास और रोजगार के अवसर
इस परियोजना से न केवल धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। तटवर्ती क्षेत्रों में व्यापार, आवास और यातायात सुविधाओं का विकास होगा, जिससे जबलपुर और आसपास के गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
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