मध्य प्रदेश के खंडवा में कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने डी-मार्ट की तर्ज पर प्रदेश में ‘ट्राइबल मार्ट’ खोलने की घोषणा की है। खास बात यह है कि इन मार्ट्स का संचालन पूरी तरह से महिलाएं करेंगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना की शुरुआत खंडवा के आदिवासी ब्लॉक खालवा, मंडला और शहडोल में की जाएगी।
महिलाओं को मिलेगा रोजगार और आत्मनिर्भरता
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक ट्राइबल मार्ट के लिए एक एकड़ जमीन पर करीब 1 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जाएगा। साथ ही, महिलाओं को 2 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाएगा, जिससे वे अपना व्यवसाय सुचारू रूप से चला सकें। बता दें कि मंत्री विजय शाह ने महिला दिवस के अवसर पर इस योजना की घोषणा की थी।
आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो भविष्य में पूरे मध्य प्रदेश में इस तरह के ट्राइबल मार्ट खोले जाएंगे। इससे न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आदिवासी समाज को भी मुख्यधारा से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा।
आपको बता दें कि प्रदेश की मोहन यादव सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए लगातार नए कदम उठा रही हैं। डी-मार्ट की तर्ज पर ट्राइबल मार्ट खोलने की यह योजना उसी दिशा में एक बड़ा और प्रभावी कदम मानी जा रही है।
क्या कहती है सरकार की योजना?
सरकार का मानना है कि इस पहल से आदिवासी समुदाय की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही, यह महिलाओं के लिए एक बड़े अवसर के रूप में सामने आएगा, जहां वे स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
यह योजना कितनी सफल होगी, यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन एक बात तय है – मध्य प्रदेश में आदिवासी महिलाओं के लिए यह पहल बदलाव की एक नई कहानी लिख सकती है!