MP News: अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर चर्चा चलती ही रहती है क्योंकि अतिथि शिक्षक अपने हक़ की लड़ाई लगातार लड़ रहे। और अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) को 30 दिनों के भीतर उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने यह आदेश 29 जनवरी 2025 को जारी किया, जिससे हजारों अतिथि शिक्षकों को राहत मिली है। हालांकि, यह भी साफ कर दिया गया है कि DPI को कानून के मुताबिक निष्पक्ष निर्णय लेना होगा।
सालों से संघर्ष कर रहे अतिथि शिक्षक
मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक लम्बे समय से मांग कर रहे है। और राज्य के अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग लंबे समय से लंबित है। मध्य प्रदेश सरकार और प्रशासन के बदलते नियमों के कारण हजारों शिक्षक अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में थे। हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा की क्या फैसला लिया जाता है।
- सितंबर 2023: तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियमितीकरण के लिए नीति बनाने की घोषणा की, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
- सितंबर 2019: DPI ने कहा कि सिर्फ D.Ed/B.Ed और TET पास करने से नियमित नियुक्ति नहीं होगी।
- सितंबर 2024: नए नियमों के तहत अब चयन परीक्षा को भी अनिवार्य कर दिया गया, जिससे शिक्षकों की मुश्किलें और बढ़ गईं।
- अक्टूबर 2024: जब DPI ने कोई फैसला नहीं लिया, तो अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
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DPI पर बढ़ा दबाव, जल्द होगा फैसला
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि DPI 30 दिनों के भीतर नियमितीकरण को लेकर अपना निर्णय सुनाए। अगर इस अवधि में फैसला नहीं लिया जाता, तो अतिथि शिक्षक दोबारा अदालत का रुख कर सकते हैं। और इस कारन DPI को जल्द से जल्द फैसला लेना होगा।
शिक्षकों में आक्रोश, हो सकता है आंदोलन
यदि सरकार और DPI ने टालमटोल की नीति अपनाई, तो यह मामला बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। शिक्षकों का गुस्सा सड़कों पर दिख सकता है और सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है। अगर ऐसा होता है तो बड़ा आंदोलन भी देखने को मिल सकता है।
अब सबकी नजरें DPI के अगले कदम – फैसले पर हैं। क्या विभाग हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगा या फिर कोई नया नियम बनाकर प्रक्रिया को और जटिल करेगा? यह फैसला हजारों शिक्षकों के भविष्य को प्रभावित करेगा और सरकार की मंशा को भी उजागर करेगा।
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मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।
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